पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने खोया आपा, बीच में ही रोका भाषण, अधिकारियों को लगाई फटकार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन बीच में ही रोक दिया और वहां मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाई. दरअसल, मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम में कंबल और गर्म कपड़े बांटने वाली थीं, लेकिन सामग्री वहां नहीं पहुंची.
इससे ममता बनर्जी को गुस्सा आ गया और फिर उन्हें सार्वजनिक रूप से जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) की खिंचाई करते देखा गया. यह कार्यक्रम उत्तर 24 परगना जिले में आयोजित किया गया था, जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां और बंगाल के मुख्य सचिव डॉ. हरि कृष्ण द्विवेदी भी मौजूद थे.
बनर्जी ने स्थानीय लोगों की मौजूदगी में जिला मजिस्ट्रेट शरद द्विवेदी से कपड़े जल्द से जल्द परिसर लाने का प्रबंध करने को कहा. हिंगलगंज में आयोजित इस कार्यक्रम के लिए हजारों लोग आए थे. इसे सरकारी योजना के लाभों और जाति प्रमाण पत्र वितरित करने के लिए आयोजित किया गया था. बनर्जी ने द्विवेदी से कहा, ‘मैं स्थानीय लोगों के लिए 15,000 गर्म कपड़े, कंबल लाई हूं. आपने उन्हें कहां रखा है? उन्हें तुरंत मेरे पास लाइए. आप जब तक उन्हें लेकर नहीं आते, मैं कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ाऊंगी… मैं यहां इंतजार करूंगी.’
मुख्यमंत्री दो दिवसीय दौरे पर जिले में आई हैं. उन्होंने इस प्रकार की चूक के लिए डीएम और अन्य अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, ‘मुझे खेद है, लेकिन अगर डीएम और प्रखंड विकास अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाते हैं तो मुझे कार्रवाई करनी होगी.’
करीब 15 मिनट बाद परिसर में शॉल लाई गईं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वह स्थानीय महिलाओं के बीच 1,000 शॉल वितरित करेंगी. इससे पहले हेलीकॉप्टर के जरिए मंगलवार दोपहर को यहां पहुंची मुख्यमंत्री ने स्थानीय देवी ‘बोनबीबी’ के मंदिर जाकर प्रार्थना की और एक पेड़ लगाया.