पहलवानों के विरोध का आज 16वां दिन, जंतर-मंतर पर किसान नेताओं ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़े, देशव्यापी आंदोलन का ऐलान

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पहलवानों के विरोध (Wrestlers Protest) के सोलहवें दिन दिल्ली के जंतर मंतर पर पहुंचे किसान यूनियन के नेताओं ने सोमवार को पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिए. विशेष रूप से पंजाब के किसान नेताओं ने नारेबाजी की और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

जबकि बृजभूषण शरण ने एक दिन पहले किसान नेताओं से पहलवानों के विरोध का समर्थन करने की ‘गलती’ नहीं करने और इसके बजाय जांच के नतीजे का इंतजार करने का आग्रह किया था. कैसरगंज के भाजपा सांसद सिंह ने फिर से दावा किया कि वह निर्दोष हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने पहलवानों के लिए चयन प्रक्रिया में कई सुधार किए थे.

किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह पहलवानों के समर्थन में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा और बृजभूषण शरण सिंह की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी. इसके बाद डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में अपनी सफाई दी थी. शनिवार रात फेसबुक पर पोस्ट किए गए 25 मिनट के वीडियो में सिंह ने कहा कि ‘चाचा-ताऊ, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आपको दिल्ली नहीं आना चाहिए. आप दिल्ली आ सकते हैं और जो चाहें कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि ‘मैंने पहले दिन से ही कहा था कि अगर मेरे खिलाफ आरोप साबित हुए तो मैं फांसी लगा लूंगा.’

किसानों का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन

पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के लिए दिल्ली पुलिस ने छह बार के सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर मामला दर्ज किया है. ब्रजभूषण शरण ने कहा कि ‘ऐसा नहीं होना चाहिए कि जब जांच रिपोर्ट एक महीने, दो महीने या तीन महीने बाद आए तो, आपको पछताना पड़े.’ डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा कि ‘लेकिन एक बात मैं हाथ जोड़कर कहूंगा कि जब जांच पूरी हो जाएगी, तो मैं आपकी खाप पंचायत में आऊंगा.’ उन्होंने दावा किया कि जो पहलवान धरना दे रहे हैं उनके पास ‘देने के लिए और कुछ नहीं है. ये खत्म हैं.’ वहीं एसकेएम ने कहा है कि 11-18 मई के दौरान सभी राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों और तालुकों में अखिल भारतीय आंदोलन किया जाएगा. आंदोलनरत पहलवानों के समर्थन में जनसभाएं और विरोध मार्च निकाले जाएंगे.

ब्रजभूषण लगातार दे रहे सफाई

ब्रजभूषण सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए नियम बनाए थे कि हर पहलवान को ट्रायल देना ही होगा. उन्होंने आंदोलनरत पहलवानों पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘इससे उनकी परेशानी बढ़ गई.’ गौरतलब है कि पहलवान सात महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के मामले में सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं. जिनमें से एक नाबालिग है. 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ आरोपों के सिलसिले में दो एफआईआर दर्ज की थी.

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