जो काम गावस्कर-विराट नहीं कर पाए…वो 21 साल के बैटर ने कर दिखाया, विश्व क्रिकेट में अब यशस्वी भव:

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भारत ने वेस्टइंडीज को 2 टेस्ट की सीरीज के पहले मैच में 3 तीन के भीतर हरा दिया. इस जीत को लेकर शायद ही किसी को हैरानी हुई होगी. क्योंकि इस सीरीज की शुरुआत से पहले ही टीम इंडिया को फेवरेट माना जा रहा था.

लेकिन जिस एक बात ने सबको चौंकाया. वो था यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाजी. यशस्वी के टैलेंट पर तो किसी को शक नहीं था. क्योंकि 21 साल के इस बैटर ने 80 की औसत से फर्स्ट क्लास क्रिकेट में रन बनाए थे और आईपीएल 2023 में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था लेकिन टेस्ट डेब्यू पर इतनी बड़ी पारी वो खेल जाएंगे ऐसा शायद ही किसी ने सोचा होगा.

भारतीय टेस्ट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी बैटर ने वेस्टइंडीज में टेस्ट डेब्यू पर शतक ठोका. जो काम सुनील गावस्कर और विराट कोहली नहीं कर पाए..वो 21 साल के यशस्वी जायसवाल ने कर दिखाया. अपनी इस एक पारी से उन्होंने ये दिखा दिया कि वो लंबी रेस के घोड़े हैं और अब विश्व क्रिकेट में यशस्वी भव: होगा.

ऐसा नहीं है कि उनसे पहले किसी भारतीय ने डेब्यू टेस्ट में शतक नहीं ठोका. उनसे पहले 16 खिलाड़ी ये कारनामा कर चुके थे फिर क्यों यशस्वी को लंबी रेस का घोड़ा माना जा रहा. उनकी बैटिंग में ऐसी क्या खूबी है जो उन्हें दूसरों से अलग बना रही. एक ही पारी के बाद उन्हें क्यों भारतीय क्रिकेट का फ्यूचर स्टार माना जा रहा. आइए एक-एक कर आपको उनकी खूबियां बताते हैं.

यशस्वी जायसवाल गेंद पर बल्ला अड़ाने के बजाए उसे अपने पास तक पहुंचने देते हैं और आखिर वक्त में शॉट खेलते हैं. इसी वजह से वो कई बार गुड लेंथ पर पड़ी गेंद को भी बाउंड्री के पार भेज देते हैं. अपनी डेब्यू टेस्ट पारी में उन्होंने कई बार ये काम किया. वो शॉर्ट गेंद को भी अच्छा खेलते हैं.

यशस्वी को टीम और गेंदबाज का डर नहीं

21 साल की उम्र में डेब्यू करना नई बात नहीं. कई खिलाड़ी ऐसा कर चुके हैं लेकिन बड़ी बात है बेखौफ बल्लेबाजी. सामने कौन सा गेंदबाज है, इससे अगर किसी बल्लेबाज को फर्क नहीं पड़ता तो उसमें बड़ा खिलाड़ी बनने के गुण होते हैं और यशस्वी में ऐसा ही है. उन्होंने आंखें जम जाने के बाद वेस्टइंडीज के हर गेंदबाज के खिलाफ शॉट्स खेले. उनका खुद पर कितना यकीन है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उन्होंने रिवर्स स्वीप भी मारा.

आमतौर पर टेस्ट में कोई भी बल्लेबाज ऐसे शॉट्स से परहेज करता है लेकिन पहला टेस्ट खेल रहे यशस्वी को अपनी बैटिंग पर इतना यकीन है कि उन्होंने बेहिचक रिवर्स स्वीप खेला. आईपीएल में भी उन्होंने इस तरह से बैखौफ बैटिंग की थी. यशस्वी ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि वो एक शॉट को पक्का करने के लिए प्रैक्टिस सेशन में 200 से 300 बार उसे खेलने की कोशिश करते हैं और यही मेहनत असल इम्तिहान में उनके काम आ रही.

फॉर्मेट और पिच को भांपकर बैटिंग करते हैं

यशस्वी जायसवाल की उम्र भले ही 21 साल है लेकन खेल की समझ गहरी है. उन्हें पता है कि किस फॉर्मेट में किस सोच के साथ बल्लेबाजी करनी है. आईपीएल 2023 में उन्होंने राजस्थान रॉयल्स के लिए ओपनिंग करते हुए एक मैच में पहले ही ओवर में 26 रन कूट डाले थे. उन्होंने 2छक्के और 3 चौके उड़ाए थे. लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ डॉमनिका टेस्ट में यशस्वी ने इस सोच के साथ बैटिंग नहीं की. उन्होंने 16वीं गेंद पर खाता खोला था और पहले 50 रन 104 गेंद में पूरे किए थे और सेंचुरी 220 गेंद में ठोकी थी.

21 साल की उम्र में किसी बल्लेबाज में खेल की इतनी गहरी समझ हो, वो जरूरत के मुताबिक अपना खेल बदलना जानता हो तो उसे विश्व क्रिकेट में चमकने से कौन रोक सकता है.

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